ज़मीन से शिखर तक: ज़ैबुल अहमद खान – एक अडिंग योद्धा की गाथा

*उत्तर प्रदेश*—के कौशाम्बी जिला से जब एक साधारण गाँव का सपूत अपने अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प से प्रदेश स्तर पर अपनी धाक जमाता है, तो यह केवल एक व्यक्तिगत विजय नहीं, बल्कि असंख्य युवाओं के लिए एक ज्वलंत मशाल बन जाती है। कौशांबी के तिलोकपुर गाँव से उभरे ज़ैबुल अहमद खान की कहानी भी ऐसी ही है – पत्रकारिता, जनसेवा और सशक्त सामाजिक नेतृत्व के बल पर उन्होंने एक अविस्मरणीय पहचान गढ़ी है।

परिचय: ज़ैबुल अहमद खान — एक परिचय

ज़ैबुल अहमद खान, उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के तिलोकपुर गाँव के मूल निवासी, एक प्रखर पत्रकार, अप्रतिम सामाजिक कार्यकर्ता और जुझारू जनसेवक हैं। उन्होंने अपने करियर की नींव ग्रामीण परिवेश में रखी और आज प्रधानमंत्री जनकल्याण जागरूकता मिशन में प्रदेश उप मीडिया प्रभारी के रूप में एक महत्वपूर्ण दायित्व संभाल रहे हैं। उनका यह उत्थान उन संघर्षशील युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद विराट स्वप्न देखते हैं और उन्हें साकार करने की लौ अपने भीतर जलाए रखते हैं। पत्रकारिता का रणक्षेत्र हो या समाजसेवा का मोर्चा, ज़ैबुल अहमद खान हर जगह जमीनी हकीकत के साथ सीना ताने खड़े मिलते हैं।

राजनीतिक यात्रा: जनसेवा का सशक्त माध्यम

ज़ैबुल अहमद खान ने राजनीति को कभी सत्ता लोलुपता का ज़रिया नहीं माना, बल्कि इसे जनसेवा का एक शक्तिशाली माध्यम बनाया। युवावस्था से ही वे विभिन्न सामाजिक संगठनों में सक्रियता से संलग्न रहे हैं। उनके राजनीतिक सफर की मुख्य उपलब्धियाँ:

* राष्ट्रीय हिंद सेना: जिला उपाध्यक्ष के रूप में 2 वर्षों तक जनहित में निर्भीक कार्य किया।

* आम आदमी पार्टी (AAP): जिला उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए संगठन विस्तार में अभूतपूर्व भूमिका निभाई।

* AIMIM: जिला महासचिव के तौर पर अल्पसंख्यक समाज की ज्वलंत समस्याओं को मुखरता से उठाया।

वर्तमान में, वे प्रधानमंत्री जनकल्याण जागरूकता मिशन में प्रदेश उप मीडिया प्रभारी के पद पर आसीन हैं और मिशन से जुड़ी सरकारी योजनाओं को मीडिया के माध्यम से प्रदेश भर में फैला रहे हैं, जिससे जनकल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सके।

पत्रकारिता: निष्पक्षता और सच्चाई की बुलंद आवाज़

ज़ैबुल अहमद खान दशकों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने ग्रामीण और शहरी दोनों स्तरों पर जनहित के मुद्दों को पूरी दृढ़ता से उठाया। वे निम्नलिखित प्रतिष्ठित मीडिया घरानों से जुड़े रहे:

* Vande Bharat Live TV News: डिस्ट्रिक्ट रिपोर्टर, रायबरेली

* Prime Voice दैनिक समाचार पत्र: मंडल प्रभारी, लखनऊ

* IC News: रिपोर्टर, कौशांबी

* इंकलाबी नज़र: संवाददाता, कौशांबी

उनकी रिपोर्टिंग का मूल मंत्र भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करना, प्रशासनिक निष्क्रियताओं पर करारा प्रहार करना, वंचितों की आवाज़ को मंच देना और ग्रामीण जनता के दर्द को सत्ता के गलियारों तक पहुँचाना रहा है। उनकी पत्रकारिता सदैव निर्भीक और अडिग रही है, जो सच्चाई के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार रहती है।

सामाजिक कार्य और अभियान: समाधान की दिशा में अडिग कदम

ज़ैबुल खान सिर्फ समस्याओं को उठाने तक सीमित नहीं रहते, बल्कि उनके ठोस समाधान के लिए भी सक्रिय रूप से संघर्ष करते हैं। वे कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर जमीनी स्तर पर अथक कार्य करते रहे हैं:

* अखिल भारतीय पुलिस सहयोग संगठन (ABPSS): कौशांबी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

* स्वच्छ भारत मिशन: “एंटी-लिटरिंग प्लेज” लेकर भारत को कचरा-मुक्त बनाने की दिशा में अपना अमूल्य योगदान दिया।

* ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार: उन्होंने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, पीएम सोलर घर योजना और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं को जनता तक पहुँचाने में अग्रणी भूमिका निभाई।

ज़ैबुल अहमद खान की मुख्य विशेषताएँ:

* जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़: ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के कारण वे जनता की समस्याओं को उनकी जड़ों से समझते हैं।

* निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता: सच्चाई को सामने लाने में कभी कोई संकोच नहीं करते, चाहे चुनौतियाँ कितनी भी बड़ी क्यों न हों।

* उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक सूझबूझ: विभिन्न संगठनों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने का गहन अनुभव।

* युवाओं को संगठित करने की प्रेरणा: अपने कर्मठ कार्यों से युवाओं को समाज सेवा के लिए प्रेरित करते हैं, उन्हें सही दिशा दिखाते हैं।

* नीति, नीयत और नज़रिए में स्पष्टता: उनके विचारों और कार्यों में एक अटल स्पष्टता झलकती है, जो उन्हें भीड़ से अलग खड़ा करती है।

ज़ैबुल अहमद खान कहते हैं:

“मेरे लिए पत्रकारिता केवल खबर पहुँचाना नहीं, बल्कि उस समाज की जिम्मेदारी उठाना है, जिसकी आवाज़ अक्सर दबा दी जाती है। और जनसेवा का अर्थ है बिना किसी आडंबर के, लगातार सच्चाई के साथ खड़े रहना, भले ही रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *