कौशाम्बी: बेटी की दहेज हत्या के बाद इंसाफ को भटकते माता-पिता व भाई, मुख्य आरोपी वकील पति गिरफ्तार, पर 8 अन्य हत्यारोपी अब भी फरार

कौशाम्बी: बेटी की दहेज हत्या के बाद इंसाफ को भटकते माता-पिता व भाई, मुख्य आरोपी वकील पति गिरफ्तार, पर 8 अन्य हत्यारोपी अब भी फरार

कौशाम्बी, 18 सितंबर 2025: जिले के सैनी थाना क्षेत्र में दहेज के लिए एक बेटी की हत्या के मामले में, पीड़ित परिवार अब इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। मामले में मुख्य अभियुक्त वकील पति को तो गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन परिवार का आरोप है कि क्षेत्राधिकारी (CO) के आश्वासन और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाने के बाद भी सैनी पुलिस बाकी 8 हत्यारोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। ये फरार आरोपी खुलेआम घूमकर पीड़ित परिवार पर सुलह का दबाव बना रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
फतेहपुर जिले के कल्यानपुर कसार गाँव के निवासी रामनाथ यादव ने अपनी पुत्री रीता देवी का विवाह 2 मार्च 2024 को कौशाम्बी के बैठका पर माजरा गिराई निवासी विजय करन उर्फ मोहित से किया था। आरोप है कि विवाह के बाद से ही पति विजय करन, जो पेशे से एक वकील है, और उसके परिवार के 8 अन्य सदस्य रीता को अतिरिक्त दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। प्रताड़ना से तंग आकर रीता ने अपने भाई को फोन पर अपनी जान का खतरा भी बताया था, लेकिन इससे पहले कि भाई कुछ कर पाते, 9 सितंबर को उसको फंसी पर लटक कर हत्या कर दी गई। इस मामले में सैनी थाने में मुकदमा अपराध संख्या 310/2025 के तहत दहेज हत्या (धारा 80 BNS) समेत अन्य गंभीर धाराओं में 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है।
CO के आश्वासन के बाद भी कार्यवाही अधूरी: पीड़ित पिता व भाई का दर्द
मृतका के पिता रामनाथ यादव व भाई राहुल ने नम आँखों से बताया, “हम अपनी फरियाद लेकर क्षेत्राधिकारी (CO) साहब के पास भी गए थे। उन्होंने हमें आश्वासन दिया था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आते ही सभी अभियुक्तों के खिलाफ कठोर कार्यवाही होगी। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आए हुए भी कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस ने मुख्य आरोपी (मेरे दामाद) के सिवा किसी और को नहीं पकड़ा। मेरी बेटी, बहन के 8 हत्यारे आज भी फरार हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “ये फरार लोग खुलेआम घूम रहे हैं और हम पर मामला वापस लेने और सुलह करने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। हमें अपनी जान का भी खतरा महसूस हो रहा है।”
जांच पर उठते सवाल
इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बावजूद, बाकी 8 सह-अभियुक्तों का खुला घूमना और पीड़ित परिवार को धमकाना यह दर्शाता है कि उन्हें कानून का कोई खौफ नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि एक वरिष्ठ अधिकारी के आश्वासन और पोस्टमार्टम रिपोर्ट जैसे अहम सबूत के बाद भी पुलिस बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने में देरी क्यों कर रही है? वहीं, पीड़ित परिवार ने अब प्रयागराज रेंज के आईजी से न्याय की गुहार लगाई है, बात कहीं और उन्हें उम्मीद है कि उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ही उनकी बेटी के सभी हत्यारों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।

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